नई दिल्ली – पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाना जारी रखा है। केंद्र सरकार के बजट पेश करने के पूर्व रविवार को पूर्व कर्मचारियों ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर पुरानी पेंशन दोबारा लागू करने की मांग की। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लॉयज फेडरेशन (इप्सेफ) ने राजधानी दिल्ली में एक बैठक कर पुरानी पेंशन पर नई रणनीति बनाने पर विचार किया। इसकी अगली बड़ी बैठक नवंबर में होगी जिसमें ओपीएस को लेकर विस्तृत रणनीति बनाने पर विचार किया जायेगा।
इप्सेफ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली विश्वविद्यालय एंड कॉलेज कर्मचारी यूनियन कार्यालय में आज वीपी मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें 20 राज्यों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि सरकार नई पेंशन व्यवस्था की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करे। इसके साथ ही स्थाई राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करने, महंगाई भत्ते का 50 फीसदी मूल वेतन/पेंशन में शामिल करने, सरकारी क्षेत्र एवं स्वायत्तशासी निकायों में कार्यरत हर तरह के ठेका कर्मचारियों को नियमित करने, हर तरह की ठेकेदारी प्रथा ख़त्म करने, सभी केंद्रीय स्वायत्तशासी निकायों के कर्मचारियों को 2014-15 से देय बोनस बकाया राशि समेत भुगतान करने की भी मांग की गई। इसके साथ ही कोरोना काल में मारे गये कर्मचारियों के एक आश्रित को 5 फीसदी की सीमा से अलग अनुकम्पा आधार पर बिना शर्त नियुक्ति प्रदान करने और कोरोना काल में अवैध रूप से रोके गये महंगाई भत्ते का शीघ्र भुगतान करने की मांग भी की गई। इप्सेफ के 20 राज्यों के पदाधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी उनके आवास पर भेंट कर यह मांग की कि देशभर के कर्मचारियों की मांगों पर सार्थक निर्णय कराएं। संगठन के अनुसार रक्षा मंत्री ने इन मांगों पर मंत्रिपरिषद की बैठक में वे जोरदार पैरवी करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि पूरे राजनीतिक जीवन काल में उन्होंने कर्मचारियों के प्रति पारिवारिक दृष्टिकोण बनाकर उनकी मदद की है और करते रहेंगे।