बिहार बनेगा घर बैठे जमीनों की ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने वाला पहला राज्य -बिहार सरकार के प्रस्ताव पर आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कई दौर की बैठकों के बाद जमीनों की ऑनलाइन खरीद फरोख्त के लिए तकनीक आधारित कंप्लीट सॉल्यूशन सरकार को सौंपा है।
बिहार सरकार के प्रस्ताव पर आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने कई दौर की बैठकों के बाद जमीनों की ऑनलाइन खरीद फरोख्त के लिए तकनीक आधारित कंप्लीट सॉल्यूशन सरकार को सौंपा है। माना जा रहा है जल्द ही वैज्ञानिकों की टीम इस प्रोजेक्ट के तहत जमीनी सर्वे शुरू करेगी।
अभी तक देश में कहीं भी जमीन की रजिस्ट्री करानी हो तो इसके लिए आपको रजिस्ट्री कार्यालय जाकर औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं, लेकिन बिहार सरकार घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए बिहार सरकार की ओर से इंटरनेशनल कांफ्रेंस का भी आयोजन किया गया था। साथ ही देश के विभिन्न संस्थानों ने भी प्रेजेंटेशन दिया था। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने हाल ही में सचिव स्तर की बैठक में ऑनलाइन रजिस्ट्री पर तकनीक आधारित पैकेज पर प्रैक्टिकल डोमेंस्ट्रेशन दिया है। इसके आधार पर योजना को अमलीजामा पहनाने की कसरत शुरू हो गई है।
इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे आईआईटी रुड़की के सिविल विभाग के वैज्ञानिक प्रो. कमल जैन ने बताया कि इस संबंध में बिहार सरकार के साथ कई दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। इसमें उन्हें कंप्लीट सॉल्यूशन दिया गया है, जिसमें जमीन संबंधी आने वाली सभी समस्याओं का निदान भी बताया गया है।
प्राधिकृत अधिकारी करेंगे वैरीफिकेशन
प्रोसेस के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन करेगा, जिस पर अलग-अलग स्तर पर प्राधिकृत अधिकारी उसका वैरीफिकेशन करेंगे। संबंधित व्यक्ति को ऑनलाइन कार्य प्रगति की जानकारी भी मिलेगी। खास बात यह होगी कि तकनीक के अंतर्गत आप इंटरनेट पर खरीदी जाने वाली जमीन की सभी जानकारी हासिल कर सकेंगे।
यहां तक कि भूमि की पैमाइश आदि कराने के लिए किसी पटवारी आदि की भी जरूरत नहीं होगी। इंटरनेट पर ही जमीन की माप और उसकी हदबंदी की भी जानकारी मिल सकेगी। इससे जमीन संबंधी किसी प्रकार के विवाद की गुंजाइश नहीं होगी। प्रो. कमल जैन ने बताया कि सरकार के स्तर पर उनके प्रोजेक्ट को सराहना मिली है। सैद्धांतिक मंजूरी के बाद जल्द ही धरातल पर योजना को लाने के लिए सर्वे का काम शुरू किया जाएगा।