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त्रिवेंद्र पवार का असमय जाना दुखद : धीरेंद्र प्रताप

देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र सिंह पवार के असमय जाने को बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि त्रिवेंद्र सिंह पवार ने अपनी असाधारण संघर्ष शक्ति से राज्य आंदोलन में अपना बड़ा स्थान बनाया था। उन्होंने जवानी के सारे अच्छे दिन उत्तराखंड राज्य निर्माण में लगाए। यह दुर्भाग्य है कि एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हुआ। उन्होंने कहा इससे भी बड़ा दुर्भाग्य उत्तराखंड का है कि इस तरह के व्यक्तित्व ना तो कहीं विधानसभा में पहुंच सके और ना ही कहीं संसद के सदस्य हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि जो लोग उत्तराखंड आंदोलन के असाधारण नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। ऐसे लोगों को राज्यसभा में भेज कर पार्टी की सीमाओं को तोड़कर सम्मानित करें। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि उत्तराखंड में उन लोगों को सम्मान देने में किंचित राजनीतिक दल पीछे दिखाई देते हैं जिनकी वजह से यह राज्य एक शाश्वत सत्य बन सका है। उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह पवार के निधन पर गहरा दुख और वेदना व्यक्त करते हुए कहा उनके निधन से उन्होंने अपना एक परम मित्र, एक राज्य आंदोलन का महत्वपूर्ण अगुवा और ईमानदारी का प्रतीक नेता को खो दिया है।

उन्होंने उत्तराखंड में विलक्षण प्रतिभाशाली नेताओं कलाकारों पत्रकारों सामाजिक सरोकारों से जुड़े सोशल मीडिया के लोगों वास्तुकारों वी भाषाविदों को सम्मानित करने के लिए राज्य में विधान परिषद के गठन की भी मांग उठाई है। जिससे कि जो लोग अपनी राजनीतिक की वजह से चाहे बड़े दलों में ना रहे हो लेकिन उनके योगदान को राज्य की जनता सम्मानित समझ सके और उनका योगदान भी राज्य के बेहतर भविष्य के लिए लिया जा सके। उन्होंने संबंध में यूकेडी नेता काशी सिंह ऐरी का नाम लिया और कहा मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री मोदी से बात करके उन्हें राज्य की ओर से राज्यसभा में भेजने की वकालत करनी चाहिए उन्होंने कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री होते तो ऐसा करना अपना दायित्व समझते।

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