देहरादून। लगभग दो माह से जारी शुष्क मौसम की मार के बाद बीती रात मौसम का मिजाज बदला तो उत्तराखंड के व्यवसायियों और किसान तथा बागवानों व पर्यटकों के चेहरे खिल उठे। उत्तराखंड के पहाड़ों को सफेद बर्फ की चादर ओढे़ देखकर हर कोई खुश है हालांकि बर्फबारी के साथ ही पारे के लुढ़कने से राज्य में शीत लहर का प्रकोप भी बढ़ गया है।
मानसून की विदाई के बाद राज्य का मौसम शुष्क बना हुआ था तथा सूखी सर्दी वृद्ध और बच्चों के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई थी। लंबे इंतजार के बाद बीती रात राज्य के तमाम हिस्सों में बारिश और बर्फबारी से पूरे राज्य का मौसम एक साथ बदल गया है उच्च हिमालयी क्षेत्रों की पहाड़ियों पर बर्फबारी से परिदृश्य खुश गवार हो गया है तथा पारा लुढ़कने से राज्य के लोगों को सर्दी का एहसास कराया है लेकिन इसके साथ ही व्यवसायी और बागवानो तथा कृषकों के चेहरे खिल उठे हैं।
बीती रात राज्य के सभी चारों धामों में भारी बर्फबारी हुई। पूरी यमुना घाटी में बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम का परिदृश्य इस बर्फबारी से पूरी तरह बदल गया है। जहां गंगोत्री की छठा देखते हुए ही बनती है वही यमुनोत्री में हुई बर्फबारी के बाद गरुड़ गंगा का पानी जम गया है। केदार धाम में भी बर्फ की चादर बिछी हुई है। उधर चकराता क्षेत्र में भी मौसम की भारी बर्फबारी हुई है जिससे किसान व बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर पर आने वाले पर्यटकों को लेकर चिंतित व्यवसाईयों का कहना है कि अब लगता है कि कारोबार अच्छा होगा। उधर चमोली से प्राप्त समाचार के अनुसार औली व बद्रीनाथ धाम तथा हेमकुंड साहिब क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है। हेमकुंड साहिब के प्रथम पड़ाव घगड़िया में 5 इंच मोटी बर्फ की चादर बिछी हुई है। औली में भारी बर्फबारी से पर्यटकों में भारी खुशी देखी जा रही है वही यहां होने वाले राष्ट्रीय तथा विंटर गेम्स के लिए इस बर्फबारी को वरदान माना जा रहा है।