देहरादून – विद्युत नियामक आयोग में हुई जनसुनवाई के दौरान यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल के एमडी व अन्य अधिकारी मौजूद थे। कई उपभोक्ता बार-बार यूूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार को टारगेट कर रहे थे। वह उन पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। जब बात हद से ज्यादा बढ़ गई तो एमडी अनिल कुमार ने इस पर सुनवाई के दौरान ही आपत्ति जता दी। एक उपभोक्ता और एमडी के बीच तीखी बहस होने लगी। आयोग ने बीच-बचाव करके मामला शांत किया।आयोग में जनसुनवाई चल रही थी। सुबह उद्योगपतियों और व्यावसायिक उपभोक्ताओं की जनसुनवाई में भी कई उपभोक्ताओं ने यूपीसीएल-पिटकुल के एमडी अनिल कुमार पर व्यक्तिगत आक्षेप लगाए। मामला शांत हो गया। दूसरे चरण में जब आम उपभोक्ताओं के लिए जनसुनवाई शुरू हुई तो एक के बाद एक करके कई उपभोक्ता यूपीसीएल के एमडी को टारगेट करने लगे। कोई उन पर टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा था तो कोई उनकी तैनाती पर ही सवाल खड़े कर रहा था। इसके अलावा भी जब कई गंभीर आरोप जनसुनवाई के दौरान लगने लगे तो एमडी अनिल कुमार भी बर्दाश्त नहीं कर पाए। उन्होंने बीच में बोलते हुए आयोग के समक्ष कहा कि यह सुनवाई विद्युत दरों में बढ़ोतरी पर हो रही है। बावजूद इसके किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर टारगेट क्यों किया जा रहा है? इस दौरान बोल रहे एसके गुप्ता से उनकी तीखी बहस हो गई। उन्होंने कहा कि वह एक उपभोक्ता के तौर पर यह अधिकार रखते हैं कि आपकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं। गर्मागर्मी बढ़ गई तो आयोग ने हस्तक्षेप किया। तब जाकर मामला शांत हुआ। इसके बाद यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने भी अपना पक्ष आयोग के सामने रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कहीं से भी बिना चुनाव आयोग की अनुमति कोई टेंडर नहीं खोला गया है।
- ← मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को शहरी निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के सम्बन्ध में बैठक ली
- उत्तराखण्ड देश का पांचवां राज्य होगा जहां के हृदय रोगियों को मेडिट्रिना ग्रुप अपनी आधुनिक तकनीक से बेहतर और सुरक्षित इलाज देगा →