देहरादून – गांधी एवं शास्त्री जयंती के अवसर पर रोटरी क्लब, देहरादून हिमालय ड्रग कंपनी, महन्त इंद्रेश हॉस्पिटल ब्लड बैंक तथा आर्यन ग्रुप द्वारा हिमालय वैलनेस कम्पनी सुभाष नगर में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 55 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
रक्तदान-जीवनदान के क्षेत्र में अति विशिष्ट योगदान करने वाले अनिल वर्मा चेयरमैन यूथ रेडक्रास कमेटी का जन्मदिन भी संयोगवश इसी दिन होने पर उनका जन्मदिन समारोह तथा रक्तदान शिविर एक साथ हिमालय वैलनेस कम्पनी में मनाया गया। इस अवसर पर अनिल वर्मा ने स्वयं 141वीं बार तथा उनके 21 वर्षीय पुत्र इंजीनियर अविरल वर्मा ने पांचवीं बार एक साथ रक्तदान किया। वहीं शिविर संयोजक व हिमालय ड्रग के प्रेजीडेंट डॉ० एस फारुख ने 34वीं बार रक्तदान करके अन्य युवा रक्तदाताओं को प्रेरित किया। इस अवसर पर हिमालय ड्रग के प्रेजीडेंट डॉ० एस फारूख, रोटरी क्लब देहरादून की प्रेजीडेंट पैट्रीशिया हिल्टन, वाईस प्रेजीडेंट आर के बक्शी, ब्रिगेडियर केजी बहल, पूर्व प्रेजिडेंट नगमा फारूख, रोटेरियन डॉ० दिव्या नेगी घई तथा तरूण भाटिया द्वारा अनिल वर्मा को जन्मदिवस का केक काटकर, उपहार व पुष्पगुच्छ भेंट कर तथा शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया। महंत इंद्रेश हॉस्पिटल ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ० अपर्णा भारद्वाज, चिकित्साधिकारी डॉ० शैफाली काम्बोज तथा कोआर्डिनेटर अमित चन्द्रा ने 140 वीं बार रक्तदान करने पर महंत इंद्रेश हॉस्पिटल सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन प्रदान करके सम्मानित किया। समाज के गरीब व असहाय बच्चों के उत्थान के लिए विगत 17 वर्षाे से समर्पित स्वयंसेवी संस्था आर्यन ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष फैजी अलीम तथा महासचिव सुपोष गुप्ता ने अनिल वर्मा को जन्मदिन पर बधाई देते हुए रक्तदाता सम्राट अवॉर्डष् तथा पौधा भेंटकर सम्मानित किया।
रक्तदान के उपरांत डॉ कार्ल लैण्डस्टीनर अवार्डी अनिल वर्मा ने डॉ० एस फारूख सहित समस्त आयोजकों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हुए रक्तदान के प्रति आम लोगों की भ्रांतियों व शरीर में कमजोरी या बीमारी लग जाने जैसे अंधविश्वासों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने रक्तदान करने के फायदों को विस्तार से बताया कि विश्वविख्यात जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने रिसर्च में पाया कि नियमित रक्तदान करने से 80 प्रतिशत हार्ट अटैक तथा 95 प्रतिशत कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है। एक बार रक्तदान करने से शरीर की 650 कैलोरी बर्न होती है जिससे फैट कम होता है। रक्तदान से अच्छा कोलेस्ट्रॉल एच डी एल बढता है तथा खराब कोलेस्ट्रॉल एल डी एल घटने लगता है। साथ ही ब्लड प्रेशर तथा शुगर कंट्रोल करने में मददगार होता है। शरीर में आयरन का लेवल सही बना रहता है। रक्त की फैक्ट्री बोन मैरो एक्टीवेट होने से नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे शरीर फुर्तीला व ऊर्जावान बनता है। वर्मा ने थैलीसीमिया के अभिशाप से मुक्त भारत बनाने के लिए युवाओं से विवाह से पूर्व लड़के-लड़की दोनों की रक्त कुंडली मिलाने को बेहद आवशू बताया। साथ ही यदि लड़का-लड़की दोनों थैलीसीमिया माईनर हैं तो आपस में विवाह न करें अन्यथा होने वाली संतान को थैलीसीमिया जैसे भयंकर रक्तरोग की संभावना बहुत अधिक होती है। जिसमें बच्चे को ताउम्र 15-20 दिन में खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। शिविर में समस्त रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र तथा पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया गया।