देहरादून – बाबा केदार के शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित औंकारेश्वर मंदिर परिसर के विस्तारीकरण, सौंदर्यीकरण और कोठा भवन के पुनर्निर्माण के प्रथम चरण के कार्यों को एक्सप्रेस पब्लिकेशन अंगीकृत करेगा। इस पर 470.39 लाख की लागत आएगी। इसके लिए मंगलवार को एक्सप्रेस पब्लिकेशन और बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बीकेटीसी के कैनाल रोड स्थित कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। बीकेटीसी की ओर से मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह और एक्सप्रेस पब्लिकेशन की ओर से महाप्रबंधक (प्रशासन व प्रोजेक्ट्स) अवनीश सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। प्रथम चरण में औंकारेश्वर मंदिर परिसर में टेंपल प्लाजा, एडमिन बिल्डिंग, वर्तमान प्रशासनिक भवन के फसाड का विकास कार्य किया जाएगा। इस पर 470.39 लाख की लागत आएगी। निर्माण कार्यों का डिजाइन और आर्किटेक्ट बीकेटीसी द्वारा पर्वतीय पौराणिक शैली में कराया गया है। प्रथम चरण के निर्माण कार्य एक्सप्रेस पब्लिकेशन द्वारा अपने स्तर से ही कराया जाएगा। मॉनिटरिंग का कार्य बीकेटीसी का इंजीनियरिंग विंग करेगा। इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन ग्रुप का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि औंकारेश्वर मंदिर परिसर का विस्तारीकरण और कोठा भवन के जीर्णोद्धार के बाद ऊखीमठ एक नए डेस्टिनेशन के रूप में श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के सम्मुख होगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही द्वितीय फेज की डीपीआर भी तैयार हो जाएगी, जिसमें कोठा भवन, उषा – अनिरुद्ध विवाह मंडप आदि के जीर्णोद्धार कार्य होने हैं। तृतीय चरण में मंदिर परिसर के बाहर सौंदर्यीकरण व पार्किंग निर्माण आदि के कार्य होंगे। उन्होंने कहा कि मार्च में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से समय लेकर भूमि पूजन करा दिया जाएगा। इस मौके पर बीकेटीसी के अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता गिरीश देवली, एक्सप्रेस पब्लिकेशन के देबाशीष बोस व वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सेठी भी मौजूद थे।
पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व का है औंकारेश्वर मंदिर _
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने पर ऊखीमठ स्थित औंकारेश्वर मंदिर परिसर में ही बाबा केदार की पूजा की जाती है। बाबा केदार के साथ ही द्वितीय केदार बाबा मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली भी यहीं रहती है। इसके अलावा यहां पंच केदारों की पूजा भी की जाती है। यहां पर पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व का कोठा भवन भी है, जिसके बेसमेंट में भगवान श्री कृष्ण के पौते अनिरुद्ध और दैत्यराज बाणासुर की पुत्री उषा का विवाह मंडप स्थित है। उषा के नाम पर ही उषामठ और बाद में अपभ्रंश होकर ऊखीमठ प्रचलित हुआ।वर्तमान में यह कोठा भवन जीर्णशीर्ण स्थिति में है। स्थानीय जनता व श्रद्धालुओं द्वारा विगत कई दशकों से इसके पुनर्निर्माण की मांग की जाती रही है। इसके साथ ही मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण की मांग भी उठायी जाती रही है। बीकेटीसी का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद अजेंद्र अजय द्वारा इसके जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण कार्य को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया गया।