देहरादून – मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने सोमवार को सचिवालय में 22-23 नवंबर, 2022 को आयोजित चिंतन शिविर के बिंदुओं पर चर्चा की। मुख्य सचिव ने प्रदेशभर के शहरों में सेंट्रल प्लाजा और यूनिटी मॉल की तर्ज पर सिटी पार्क विकसित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों को विकसित कर इनमें वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित करते हुए शहरों में इनका प्रावधान किया जाए। यह सोशल इंटरेक्शन के लिए भी आवश्यक है। मुख्य सचिव ने कहा कि मलिन बस्तियों की समस्या को कम करने के लिए किराया आधारित आवास मॉडल पर शीघ्र कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही सड़कों के लेवल को फिक्स्ड किए जाने की भी बात की। उन्होंने कहा कि सड़कों पर बार बार काम जोन से सड़कों की ऊंचाई लगातार बढ़ते जाने से घरों के लिए ड्रेनेज के समस्या आती है, इसके लिए सड़कों को स्क्रैब करके ही पुनः कार्य कराए जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहरों में साइकिल ट्रैक भी विकसित किए जाने पर तेजी से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाए जाने हेतु विभिन्न कदम उठाए जाने की बात भी कही। कहा कि आईटी का प्रयोग करके वर्ल्ड क्लास स्तर के लेक्चर्स के माध्यम से छात्र छात्राओं को शिक्षित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में ड्राइव चलाकर इसकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। उन्होंने प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही सभी जनपदों में पुस्तकालयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए।मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति बनाए जाने के भी निर्देश दिए। यह समिति विभिन्न विभागों और स्कूलों के एसेट (भवनों और मैदानों) को स्कूलों और कार्यालयों की छुट्टी के बाद कैसे कैसे प्रयोग कर सकते हैं इस सम्बन्ध में निर्णय ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेजों के प्ले ग्राउंड और पार्किंग को स्कूल की छुट्टी के बाद खुले रखे जाने चाहिए ताकि उनका आसपास के युवा खेल और पार्क के रूप में घूमने के लिए प्रयोग कर सकें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विजय कुमार यादव उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव रोहित मीणा सहित अन्य सभी विभागों के उच्चाधिकारी थे।