नई दिल्ली – जी20 शिखर सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। दिल्ली में इसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। दो दिन चलने वाली इस बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा होगी। जी20 का मंच अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन से लेकर फ्रांस तक राष्ट्राध्यक्ष आ रहे हैं। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के नहीं आने की चर्चा सबसे ज्यादा है।नई दिल्ली में होने वाले सम्मेलन में 19 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ भी इस सम्मेलन में शिरकत करेगा। जी20 के सदस्य देशों के अलावा नौ देशों के प्रमुख, बतौर अतिथि देश, बैठक में हिस्सा लेंगे। अंतर्राष्ट्रीय संगठन (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठन (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) के अतिरिक्त G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह पहली बार है जब भारत विश्व नेताओं के इतने शक्तिशाली समूह की मेजबानी कर रहा है। भारतीय अध्यक्षता के तहत इसकी थीम वसुधैव कुटुंबकम रखी गई है, जिसका अर्थ है विश्व एक परिवार है।
इस बार की जी20 बैठक में बहुपक्षीय संस्थानों से विकासशील देशों को अधिक ऋण, अंतरराष्ट्रीय ऋण व्यवस्था में सुधार और क्रिप्टोकरेंसी पर नियम को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है। इसके अलावा खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर भूराजनीतिक अनिश्चितताओं के प्रभाव पर भी विमर्श हो सकता है। हालांकि, इस साल अब तक जी20 समूह ने कोई भी संयुक्त बयान जारी नहीं किया है क्योंकि जी20 समूह रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पूरी तरह से बंटा हुआ दिखाई पड़ता है। दिल्ली की तमाम सड़कों और चौराहों को फूलों और फव्वारों से सजाया गया है, जबकि सरकारी भवनों और फुटपाथों को नए सिरे से पेंट किया गया है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एंटी-ड्रोन सिस्टम और 1,30,000 पुलिस और अर्ध-सैन्य कर्मियों द्वारा शहर को अचूक सुरक्षा प्रदान की जानी है।दुनिया की सबसे ऊंची नटराज प्रतिमा दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन 2023 के आयोजन स्थल भारत मंडपम में स्थापित की गई है।अठारह लोगों द्वारा निर्मित, दुनिया की सबसे ऊंची नटराज प्रतिमा भारत मंडपम में कन्वेंशन हॉल के प्रवेश द्वार पर खड़ी है। यह प्रतिमा भगवान शिव को ‘नृत्य के भगवान’ और उनकी सृजन और विनाश की ब्रह्मांडीय शक्ति का प्रतीक है।