देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ देहरादून में आयोजित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव-2023 में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में 22 राज्यों से आये छात्र एवं शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से आये छात्रों की उपस्थिति में यह उत्सव भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाने का एक मंच बन गया है। यह आयोजन छात्रों के सर्वांगीण विकास को गति देने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से पांच प्रकार की जनजातियां निवास करती हैं। उनकी भौगोलिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक स्थितियां लगभग समान हैं। उन्होंने स्वयं जीवन का एक महत्वपूर्ण कालखंड थारू जनजाति के बीच में बिताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विगत 09 वर्षों के कार्यकाल में देश में अनुसूचित जनजातियों का समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज़ादी के इस अमृतकाल में भारत की जनजातीय परम्पराओं एवं शौर्य गाथाओं को भव्य पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री ने सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एक अतिरिक्त एकलव्य विद्यालय की स्थापना हेतु केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं उनके जीवन स्तर में सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव तथा खेल महोत्सव आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जनजातीय शोध संस्थान के लिए 01 करोड़ रूपये के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था की गई है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी विचार रखे। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काऊ, राजकुमार पोरी, निदेशक जनजाति निदेशालय संजय सिंह टोलिया आदि उपस्थित थे।