नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और साइबर खतरों के बढ़ने से नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा कि “हाल के दिनों में, अपराध की प्रकृति और दायरे में बदलाव देखा गया है। अपराधियों के पास कई देशों और क्षेत्रों में बड़ा नेटवर्क हैं। वे फंडिंग और संचालन दोनों के लिए नई तकनीक का उपयोग करते हैं।”उन्होंने कहा कि ”हमारे क्षेत्र में आर्थिक अपराधों का उपयोग अन्य क्षेत्रों में गतिविधियों को वित्त पोषित करने के लिए किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी का उदय, साइबर खतरे नई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। 21वीं सदी की चुनौतियों से 20वीं सदी के दृष्टिकोण से नहीं लड़ा जा सकता है। इन सबसे लड़ने के लिए पुनर्विचार, पुनर्कल्पना और सुधार की आवश्यकता है। इसमें शामिल है न्याय प्रदान करने वाली कानूनी प्रणालियों का आधुनिकीकरण। इसमें हमारी सिस्टम को अधिक लचीला और लोगों के लिए आसान बनाना शामिल है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साइबर खतरे को लेकर कहा कि “हाल के दिनों में अपराध की प्रकृति और दायरे में बदलाव देखा गया है, अपराधियों के पास कई देशों और क्षेत्रों में बड़ा नेटवर्क हैं। वे फंडिंग और संचालन दोनों के लिए नई तकनीक का उपयोग करते हैं।” हमारे क्षेत्र में आर्थिक अपराधों का उपयोग अन्य क्षेत्रों में गतिविधियों को वित्त पोषित करने के लिए किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी का उदय, साइबर खतरे नई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। 21वीं सदी की चुनौतियों से 20वीं सदी के दृष्टिकोण से नहीं लड़ा जा सकता है। इन सबसे लड़ने के लिए पुनर्विचार, पुनर्कल्पना और सुधार की आवश्यकता है। इसमें शामिल है न्याय प्रदान करने वाली कानूनी प्रणालियों का आधुनिकीकरण, इसमें हमारी सिस्टम को अधिक लचीला और लोगों के लिए आसान बनाना शामिल है।”