देहरादून।मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आज उत्तराखण्ड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 12वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने राज्य को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को समय से पूरा करने के दृष्टिगत टीबी बाहुल्य वाले क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर वहां पर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव ने कोरोना काल में बड़ी संख्या में स्थापित ऑक्सीजन प्लान्ट के सदुपयोग तथा राज्य में सुरक्षित चारधाम यात्रा एवं पर्यटन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को आदि कैलाश, केदारनाथ सहित सभी हाई एल्टीट्यूड वाले धामों, पर्यटक स्थलों, होटलों व धर्मशालाओं पर पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने की पहल के रूप में हरिद्वार में एक पायलट प्रोजेक्ट तत्काल आरम्भ करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए मेटरनल डेथ ऑडिट को अनिवार्य करने तथा स्वास्थ्य विभाग तथा एनएचएम के मध्य प्रभावी समन्वय के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हिदायत दी कि राज्य में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यधिक भवनों व इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण की अपेक्षा मेडिकल सेवाओं व मानव संसाधन के सुधार पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने राज्य में ग्रास रूट लेवल पर हेल्थ लिटरेसी बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड के अन्तर्गत कार्यरत कार्मिकों के मानदेय के Rationalization के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन दिया। इसके साथ ही उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सल्ट व चौखुटिया में सेन्ट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन एवं मैनीफोल्ड, ऑक्सीजन प्लांट के विभिन्न कार्यों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहसपुर एवं डोईवाला में ऑक्सीजन प्लांट व शेड कार्यों की विभिन्न वित्तीय स्वीकृतियां प्रदान की।
इस दौरान बैठक में सचिव श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव श्रीमती स्वाति भदौरिया सहित स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, वित्त, ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।