मुख्यमंत्री के पास उन्हें आना चाहिए, जिन्हें पुलिस और प्रशासन की स्तर पर न्याय नहीं मिला रहा। अब जब दाखिल खारिज जैसे सामान्य से मामले भी मुझ तक आने लगे तो यह अच्छी बात नहीं। प्रशासन को खुद की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने की जरूरत है। जनता दर्शन में दाखिल खारिज न किए जाने की समस्या लेकर आए कुछ लोगों ने जब समाधान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आवेदन पत्र दिया तो वह नाराज हो गए। आवेदन पत्र को जिलाधिकारी को देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी समस्याएं जनता दर्शन तक हरगिज नहीं आनीं चाहिए। इसके लिए उन्होंने कमिश्नर को भी सहेजा। जनता दर्शन में बकरी चोरी का भी मामला आया।जनता दर्शन में बलिया के रहने वाले दिव्यांग अभयराज के पास मुख्यमंत्री समस्या जानने पहुंचे तो अभय की आंखें डबडबा गईं। बोला, महाराज दिव्यांग होने के साथ-साथ मैं बहुत गरीब हूं। आइटीआइ कोर्स कर रखा है पर नौकरी नहीं मिल रही। कृपया इसकी व्यवस्था कर दीजिए। इस पर मुख्यमंत्री ने ढांढस बधाते हुए कहा कि हर भर्ती में दिव्यांग कोटा होता है, फार्म भरते रहिए, नौकरी जरूर मिलेगी।
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना और गोसेवा के बाद गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में जनता दर्शन किया। करीब 700 लोग अपनी सीधे मुख्यमंत्री से कहने आए थे, जिनमें से 200 की समस्या उन्होंने सुनीं बाकी की समस्या मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी और एसएसपी ने सुनी।महिलाओं की संख्या और पुलिस व भूमि विवाद से जुड़े मामले हमेशा की तरह अधिक रहे। मुख्यमंत्री ने जिन लोगों की समस्या सुनी, उन्हें समाधान के लिए आश्वस्त किया। हत्या व दुष्कर्म के भी कुछ मामले थे, जिनके आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी। मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों में तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश एसएसपी को दिया। जनता दर्शन में मुख्यमंत्री के साथ जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश, एसएसपी डा. विपिन ताडा, डीआइजी जे. रवींद्र गौड़ आदि मौजूद रहे।जनता दर्शन में आशीष सिंह नाम के एक युवक ने सब इंंस्पेक्टर की भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की। उसका आरोप था कि जिनके नंबर कम थे, वह मेरिट में आ गए और ज्यादा वाले बाहर हो गए। मुख्यमंत्री ने गड़बड़ी की स्थिति में न्याय का भरोसा दिलाया।