देहरादून – तिब्बती समुदाय विश्वभर में शनिवार को अपने नए साल यानी लोसर का जश्न मनाया । नैनीताल में भी तिब्बती समुदाय ने सुख निवास स्थित बौद्ध मठ में लोसर का जश्न मनाया। इस दौरान समुदाय के लोगों ने मठ में पूजा अर्चना की। तीन दिन तक चले लोसर के जश्न में लोगों ने एक दूसरे को नये वर्ष की शुभकामनाएं दी। तिब्बती समुदाय ने पूजा अर्चना कर विश्व शांति और दलाई लामा की दीर्घायु की कामना की। लोसर के मौके पर तिब्बती समुदाय की महिलाओं और पुरूषों ने पारंपरिक परिधानों में मंगल गीत गाये। नैनीताल में लोसर का जश्न तीन दिनों तक चला और शनिवार को मठ में अंतिम दिन पूजा अर्चना की गई। आज ही के दिन तिब्बती समुदाय द्वारा रंग बिरंगे झंडे लगाए जाते हैं, जो 5 रंग के होते है।हरा झंडा हरियाली का प्रतीक माना जाता है, जबकि सफेद रंग शांति, नीला रंग जल का, पीला रंग जमीन का और लाल रंग आग का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है की हवा के बहाव से जितनी बार लहराते हैं उतनी ही ज्यादा विश्व में शांति आएगी लोसर शब्द का अर्थ तिब्बती भाषा में नया साल है।तिब्बती समुदाय के छिरिंग बताते हैं कि तिब्बत में लोसर को 15 दिनों तक आयोजित किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। भारत में भी पहले 15 दिनों तक इस पर्व को आयोजित किया जाता था बदलते समय के साथ-साथ भारत में लोसर मनाने के तरीके में बदलाव आया और यहां अब 3 दिनों तक लोसर का पर्व आयोजित किया जाता हैl
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