देहरादून – मेरा स्वभाव शांत जरूर है लेकिन मैं सख्ती वाले एक्शन करता हूं, ये बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कही। मुख्यमंत्री धामी, दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यपत्र पाञ्चजन्य के मीडिया महामंथन कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे थे। पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने उनसे उत्तराखंड के विषय में महत्व पूर्ण सवाल किया पहाड़ो में पलायन भी एक समस्या है, इसमे एक बड़ा कारण चकबंदी भी है, क्योंकि परिवार बढ़ गए है उन्हें ये नही पता उनके हिस्से की ज़मीन कहां कहां है? क्या आपकी सरकार इस चकबंदी के लिए काम करेगी?इस पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार इस विषय पर गंभीर है और हम शासन को कहा है कि राज्य के भू आलेखों को दुरुस्त किए जाए।धामी से जब ये पूछा गया कि उत्तराखंड की सरकारी और रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण है, इस ओर आप क्या सोचते है?इस पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने अपना काम शुरु कर दिया है,जो जमीन सरकार कि है हम इस अतिक्रमण से मुक्त करवाएंगे। इस बारे में में हम सभी जिला अधिकारियों को भीं सख्त हिदायत दे दी है।मैं मीठा जरूर बोलता हूं इसका मतलब ये नहीं कि है हम कुछ भी देखते रहेंगे,मेरा स्वभाव शांत जरूर है लेकिन मैं उतना ही सख्त एक्शन भी लेता हूं।
मुख्यमंत्री धामी से ये सवाल किया गया कि उत्तराखंड में गढ़वाल में तो चारधाम के लिए आल वेदर रोड बन गयीं, धामों के शहरों की काया पलट हो रही है, इसकी तुलना में कुमाऊं के तीर्थस्थलों का विकास नही हो पाया, जागेश्वर है, ॐ पर्वत है, हाट कालिका है, बहुत से तीर्थस्थल ऐसे है जहां सड़क भी संकरी है क्या इस ओर आपकी कोशिश है? इस पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीएम मोदी के दिशा निर्देश पर चारधाम का काया पलट हो रहा है,एक नया केदार का रूप आपके सामने आगया है,अब हमने कुमायूं के 17तीर्थस्थलों का चयन किया है, हमने जागेश्वर, बागेश्वर, नैना देवी पूर्णागिरी, दूनागिरी, बराही देवी आदि स्थानों पर स्थल विकास सड़के सुविधाएं हमारी सरकार एक मानसखंड सर्किट के तहत डेवलप कर रहे है। कैचीधाम जो बाबा निब किरोरी का धाम है वहां हम स्थल विकास का काम शुरू कर रहे है।आप देखना जो भी देवभूमि के मंदिर धाम गुरुद्वारे है अगले दो सालो में तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक हो जाएंगे।