देहरादून – उत्तराखण्ड राज्य को नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण एवं गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने हेतु लगभग 43 करोड की लागत की 04 परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 42 वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।
माननीय मुख्यमंत्री का कहना है कि, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत् स्वीकृत परियोजनाएं उत्तराखण्ड में गंगा एवं इसकी सहायक नदियों की स्वच्छता एवं निर्मलता हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण परियोजनाएं है, जिसमें रू0 32.10 करोड की लागत से जनपद चमोली में बद्रीनाथ धाम में स्वीकृत रीवर फ्रन्ट डेवलेपमेन्ट के कार्य की परियोजना गंगा नदी स्वच्छता एवं निर्मलता के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके तहत् श्रद्धालुओं की सुविधाओं हेतु बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के अनुसार 227 मी0 एवं 232 मी0 के 02 ट्रैक, रेन सैल्टर, 04 पवेलियन, 02 टॉयलेट ब्लाक इत्यादि विकसित किये जायेंगे।अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक जिसमें उत्तराखण्ड राज्य से उदय राज सिंह , अपर सचिव, पेयजल (नमामि गंगे) द्वार वर्चुवली रूप से प्रतिभाग किया गया। बद्रीनाथ धाम परियोजना के अतिरिक्त रू0 1.82 करोड की लागत से जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लाक के भोगपुर तल्ला में मोक्षघाट का निर्माण तथा रू0 8.60 करोड की लागत से जनपद हरिद्वार में जगजीतपुर व सराय, ऋषिकेश, श्रीनगर एवं देवप्रयाग में निर्मित सीवेज शोधन संयत्रों में जाने वाले सैप्टेज के को-ट्रीटमेन्ट (उपचार) की परियोजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गयी। सभी परियोजनाओं पर शीघ्र ही कार्य आरम्भ किये जायेंगे।