गुजरात – गुजरात हाईकोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है। अब अपील खारिज होने की वजह से राहुल गांधी की 2 साल की सजा बरकरार रहेगी। गुजरात हाईकोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं।
गुजरात हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसे में दोषी ठहराए जाने का फैसला उनके साथ नाइंसाफी नहीं कहा जा सकता, उन्हें दोषी ठहराए जाने का फैसला बिल्कुल सही है ।हमें निचली अदालत के आदेश में दखल देने का कोई औचित्य नजर नहीं आता, अब राहुल गांधी के पास विकल्प सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का है।हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी अब 2024 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और न ही संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे। वह हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं,राहुल की लोकसभा सदस्यता पहले ही जा चुकी है।
ये है पूरा मामला
साल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा के दौरान दिए गए राहुल गांधी के एक कथित आपत्तिजनक बयान ये मामला शुरू हुआ। इस बयान पर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया था, दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है।