कोटद्वार – गौरैया धीरे-धीरे विलुप्ति के कगार पर पहुंचती जा रही है। भारत में इसकी संख्या लगातार घट रही है। ऐसे में इसके सरंक्षण की आवश्यकता है। कोटद्वार निवासी शिक्षक दिनेश कुकरेती द्वारा चलाई जा रही एक ऐसी ही मुहिम अब रंग ला रही है। सोमवार को बालासौड स्थित एक रिसोर्ट पर गौरैया संरक्षण हेतु एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि मंडी समिति उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला और कांग्रेसी नेत्री रंजना रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया कार्यक्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने बताया कि घर के आंगन में फुदकने वाली गौरैया अब मानवीय गलतियों के कारण अब विलुप्त होने के कगार पर है। इसका मुख्य कारण प्रदूषण और नई कॉलोनियों, कटते पेड़ों और फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव है ।शिक्षक दिनेश कुकरेती शिक्षण कार्य के अलावा गौरैया संरक्षण के लिए विगत 26 वर्षों से लगातार कार्य कर रहे हैं । शिक्षक दिनेश कुकरेती ने बताया कि वह अभी तक 18000 से अधिक नेस्ट बॉक्स बांट चुके हैं वर्तमान में उनके घर में 100 से अधिक नेस्ट बॉक्स कई वर्षों से लगे हैं जिनसे पक्षियों के हजारों बच्चे जन्म लेकर बड़े होकर उड़ चुके हैं बच्चो व अंडों की सुरक्षा हेतु नेस्ट बॉक्स के आगे जाला की व्यवस्था कर और सुरक्षा मजबूत कर दी है, बताया कि उनके घर वर्षभर पक्षी प्रेमी गोरेया संरक्षण का कार्य देखने हेतु आते हैं और विभिन्न जानकारियां हासिल करते हैं कुछ पक्षी प्रेमी फोन पर भी उनसे संपर्क कर पक्षी संरक्षण की जानकारी व नेक्स्ट बॉक्स प्राप्त करते हैं । कार्यक्रम के अंत में सभी को गौरेया संरक्षण के लिए घोसले वितरित किए गए ।