देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा लगाए गुटबाजी के आरोपों को हास्यपद बताते हुए कहा कि वह गलती से वह अपनी ही पार्टी के हालात बयां कर गए। कांग्रेस की तुष्टिकरण की प्रवृत्ति के चलते उसे बजरंग दल से नहीं बजरंग बली समेत तमाम सनातनी विषयों से दिक्कत है।प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष श्री भट्ट ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की धामी सरकार के शानदार कार्यों से कांग्रेस के नेता इतने हैरान परेशान हो गए हैं कि बयानों में उनके शब्द भी अपने अर्थ खोते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष भाजपा विधायकों से भी अधिक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उत्सुक है, लेकिन गुटबाजी के आरोप की जहाँ तक बात आती है तो कांग्रेस को इसका पर्याय माना जाता है। कांग्रेस की स्थिति यह है कि वहां राज्य के बड़े बड़े नेता अपने प्रदेश प्रभारी को राजनीति का क, ख, ग सिखाते हैं और प्रदेश अध्यक्ष को अध्यक्ष नहीं मानते हैं। सरेआम प्रदेश कार्यालय में गुंडों की तरह एक दूसरे की पिटाई होती है तो वरिष्ठ विधायक केंद्रीय नेतृत्व पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाते है और अपनी पार्टी के नेताओं को उज्याडू बैल बताते है। जो पार्टी ऊपर से लेकर नीचे तक बड़े नेताओं के अपने अपने गुटों में बंटी हो, जिनके पूर्व सीएम, प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम छोटे बड़े नेता अपने कार्यक्रमों में भाजपा के शानदार पार्टी कैडर का उदाहरण देते हों । हैरानी है उसी काँग्रेस के अध्यक्ष गुटबाजी के आरोप लगा रहे है तो साफ है कि वह अपनी हालत बयां कर रहे है।
भट्ट ने पीएम मोदी व भाजपा के विरोध में हनुमान चालीसा के पाठ वाले माहरा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, दरअसल कांग्रेस को बजरंग दल से नही बल्कि बजरंग बली और उनके भक्तों से दिक्कत है। इससे पहले उन्हें प्रभु श्री राम के नाम से दिक्कत थी। राम सेतु से दिक्कत थी, राम जन्मभूमि से दिक्कत थी और ऐसे तमाम विषयों से दिक्कत थी जो सनातनी संस्कृति से जुड़े हों। इस दिक्कत के पीछे कारण सिर्फ और सिर्फ एक है और वो एक वर्ग विशेष के लोगों को खुश करने के लिए तुष्टिकरण नीति पर काम करना। उन्होंने कहा, 1.25 करोड़ प्रदेशवासी कांग्रेस के सुविधावादी हिन्दू मुखौटे को पहचान चुकी है लिहाजा वह हनुमान चालीसा पढ़े या वस्त्रों के ऊपर जनेऊ धारण करे कोई फर्क नही पढ़ने वाला। भट्ट ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के विधालयी शिक्षा मे प्रशासनिक अधिकारी के पद सभी जिलों मे रिक्त होने को शायद जानकारी न होना बताया। भट्ट ने कहा कि विभाग मे प्रमोशन होने के कारण पद रिक्त हुए हों, लेकिन उनके स्थान पर व्यवस्था समय पर कर दी गयी। वर्तमान मे ऐसा कोई भी जिला नही है जहाँ पर पद खाली हो और प्रशासनिक दिक्कत हो रही हो।