चमोली। पुलिस, वन विभाग तथा प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय वनाग्नि सुरक्षा, नियंत्रण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आज पुलिस विभाग, वन विभाग तथा प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में पुलिस मैदान गोपेश्वर में एक 3 दिवसीय वनाग्नि सुरक्षा/नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी चमोली श्री सन्दीप तिवारी तथा पुलिस अधीक्षक श्री सर्वेश पंवार ने शुभारम्भ किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वनाग्नि की रोकथाम तथा नियंत्रण के संबंध में विभिन्न स्तर के सरकारी अधिकारियों और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधियों को जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करना है। वनाग्नि एक गंभीर चुनौती है जो जीवन, समृद्धि और प्राकृतिक वातावरण को भयंकर तौर पर प्रभावित कर सकती है। इसलिए, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य इन चुनौतियों का सामना करने और उन्हें नियंत्रित करने के महत्वपूर्ण तंत्रमार्गों को समझाना है। इस कार्यक्रम में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग, बद्रीनाथ वन प्रभाग, नन्दादेवी राष्ट्रीय पार्क, अलकनन्दा भूमि संरक्षण, तथा भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत के वनकर्मियों ने सहभागिता की। साथ ही, विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों और चौकीदारों ने भी सक्रिय रूप से प्रतिभाग लिया।
पुलिस अधीक्षक श्री सर्वेश पंवार ने अपने संबोधन में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने वनाग्नि की आरम्भिक पहचान, उसके कारण और संभावित परिणामों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही, उन्होंने वनाग्नि की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कानूनी सजाओं के बारे में भी समझाया। “वनाग्नि एक गंभीर अपराध है जिसे नियंत्रित करने के लिए सभी हम एक साथ काम करने चाहिए। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल वनकर्मियों और ग्राम पंचायतों के प्रधानों तथा चौकीदारों को दी गई जानकारी महत्वपूर्ण होगी, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाएगा।”
फायर सर्विस के एलएफएम प्रदीव त्रिवेदी ने सभी प्रतिभागियों को वनाग्नि से रोकथाम के बारे में विस्तार से समझाया।