अयोध्या – राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक हो गया है। सूर्य की किरणों से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। रामनवमी पर अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।
असुर नाग खग नर मुनि देवा। आइ करहिं रघुनायक सेवा।। जन्म महोत्सव रचहिं सुजाना। करहिं राम कल कीरति गाना।। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपने एक्स अकाउंट पर इस चौपाई के साथ रामलला की अलौकिक तस्वीरें साझा की हैं। ट्रस्ट ने चौपाई का भावार्थ बताते हुए लिखा है कि असुर-नाग, पक्षी, मनुष्य, मुनि और देवता सब अयोध्या में आकर रघुनाथ जी की सेवा करते हैं। विद्वान जन प्रभु के जन्म का महोत्सव मनाते हैं और श्री राम की सुंदर कीर्ति का गान करते हैं।
ऐसे हुआ सूर्य तिलक
प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की व्यवस्था इस तरह की गई है कि मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया गया। इसमें सूर्य के पथ बदलने के सिद्धांतों का उपयोग किया गया। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि, शत प्रतिशत सूर्य तिलक रामलला की मूर्ति के माथे पर अभिषेक हुआ।