देहरादून – सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, उत्तराखण्ड शासन, शैलेश बगोली की अध्यक्षता में आज सचिवालय में पेयजल एवं स्वच्छता से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान शैलेश बगोली ने उत्तराखण्ड पेयजल निगम, उत्तराखण्ड जल संस्थान एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करते हुए विशेष निर्देश दिए।
बैठक में सचिव, पेयजल ने निर्देश दिए कि सभी नगरों का आंकलन कर, यह कार्ययोजना तैयार किए जाए ताकि किन-किन नगरों में एसटीपी (STP सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) और किन नगरों में एफएसटीपी (FSTP फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट ) की स्थापना की जानी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी नगर का सीवरेज अपशिष्ट बिना उपचारित न रहे; इसे या तो एसटीपी में अथवा एफएसटीपी/सह-उपचार (को-ट्रीटमेंट) में सेप्टेज प्रबंधन द्वारा उपचारित किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिन नगरों में एसटीपी अथवा एफएसटीपी की आवश्यकता है, उनका विस्तृत विश्लेषण कर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कर ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। इसके साथ ही राज्य में संचालित प्रगतिशील कार्यों की प्रगति रिपोर्ट गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड की जाए।सचिव पेयजल ने निर्माण कार्यों में शीघ्रता लाने तथा कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किए जाने की आवश्यकता बताई गई। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, छोटे और पर्वतीय नगरों में सेप्टेज प्रबंधन को प्रोत्साहित किया जाए।