देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने 4 दिसम्बर को पुलिस लाईन देहरादून में घटी घटना के लिए पुलिस प्रशासन को पूरी तरह दोषी ठहराते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के उपरान्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस महानिदेशक उत्तराखड को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने कहा कि 4 दिसम्बर 2024 को पुलिस लाईन देहरादून में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, जिसके लिए पुलिस प्रषासन की घोर लापरवाही पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।
करन माहरा ने कहा कि हमेशा की तरह किसी भी आन्दोलन में सामूहिक रूप से हुई गिरफ्तारी के उपरान्त गिरफ्तार किये गये आन्दोलनकारियों को पुलिस द्वारा पुलिस लाईन ले जाकर सीडियों में बैठाया जाता था और वहीं पर आगे की कार्रवाई सम्पन्न होती थी। इसी प्रकार पुलिस द्वारा 4 दिसम्बर 2024 को युवा कांग्रेस के सचिवालय घेराव कार्यक्रम के तहत गिरफ्तार किये गये हम सभी कांग्रेसजनों को पुलिस लाईन लेजाया गया, परन्तु हमें यह नही बताया गया कि वहां पर मीडिया कर्मियों का कार्यक्रम है तथा हमें भी इस बात का पता नहीं था कि वहां पर पत्रकारों का कोई कार्यक्रम चल रहा है और षायद पत्रकार बन्धुओं को भी पता नही था कि पुलिस मुझे व मेरे साथी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके लाई है।
इसी गलत फहमी में पत्रकारों को शायद ये लगा कि हम उनका विरोध करने वहां आये हैं और इसी गहमा-गहमी व गलत फहमी में यह घटना घटित हुई जिसके लिए मैं ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों को जिम्मेदार मानता हूं। करन माहरा ने कहा कि कांग्रेसजनों की अनभिज्ञता एवं वहां पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही के कारण यह गलत फहमी हुई है जिसमें जानबूझ कर किये गये किसी शडयंत्र से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
पुलिस हमें गिरफ्तार करके ले गई थी तो वहां पर पुलिस को उपस्थित रहना चाहिए था परन्तु वहां पर एक भी पुलिस अधिकारी अथवा पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। यही नहीं पुलिस लाईन स्थित स्टेडियम में मीडिया कर्मियों का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने के चलते हमें किसी अन्य स्थान पर बिठाने की व्यवस्था पुलिस प्रशासन को करनी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। करन माहरा ने पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि 4 दिसम्बर को पुलिस लाईन में घटित घटनाक्रम की उच्च अधिकारी से जांच कराते हुए घटना के लिए जिम्मेदार दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय ताकि भविष्य में इस प्रकार की घोर लापरवाही न हो।