नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल ने मात्र एक वोट से जीत दर्ज की थी, लेकिन अब इस जीत पर सवाल उठ गए हैं। नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि एक मतपत्र पर अधिकारी द्वारा टैंपरिंग (ओवरराइटिंग) की गई है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता, राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ताओं के साथ दोनों प्रत्याशियों को वीडियो व सीसीटीवी फुटेज दिखाने के आदेश दिए हैं।
निर्देश के मुताबिक, गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल में फुटेज देखी जाएगी। जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से कोषागार के लॉकर में सुरक्षित रखी गई वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज को दिखाने की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
बुधवार को जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि फुटेज देखने के लिए दोनों पक्षों से 3-3 अधिवक्ता, निर्वाचन आयोग का अधिवक्ता और दोनों प्रत्याशी—दीपा दर्मवाल व पुष्पा नेगी—मौजूद रहेंगे। इस प्रकार कुल 9 लोग इसमें शामिल होंगे।
पूरे दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपी सिटी नैनीताल डॉ. जगदीश चंद्र को सौंपी गई है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को तय की है। यदि याचिका में लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं तो चुनाव परिणाम में बड़ा उलटफेर संभव है और कई अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।