नैनीताल – नैनीताल हाईकोर्ट ने सेंट्रल रुद्रपुर की तत्कालीन डीएफओ डॉक्टर अभिलाषा के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर की ओर से की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही के खिलाफ उन्हें दी गई चार्जशीट पर सुनवाई के बाद चार्जशीट की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि डॉ अभिलाषा पर लगाए गए आरोपों के दस्तावेज अनुशासनात्मक कार्यवाही करने से पहले उन्हें उपलब्ध कराए गए थे या नही इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 मई की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार रुद्रपुर की तत्कालीन डीएफओ डॉ अभिलाषा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जब वो गर्भवती थी उस दौरान शासकीय कार्यों में प्रतिभाग न करने को लेकर उनके खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर की ओर से अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें एक पत्र के आधार पर कारण बताओ नोटिस दिया गया।बाद में उनके खिलाफ चार्जशीट लगा दी। उनके द्वारा इस चार्जशीट को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दी गई। लेकन अधिकरण ने चार्जशीट को निरस्त नही किया। जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में इसे निरस्त करने की मांग की। याचिका में कहा कि जब वे मैटरनिटी लिव पर थी उस समय वे तहसील दिवस में प्रतिभाग नही कर सकी। जिलाधिकारी द्वारा एक शिकायती पत्र के आधार पर उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस दिया फिर उनके खिलाफ अनुसाशनात्मक की कार्यवाही शुरू कर दी। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए या चार्जशीट को निरस्त किया जाय।