समझौते के अंतर्गत अर्धसैनिक बलों के जवानों और नॉन-सीजीएचएस डिपेंडेंट्स को ओपीडी, आईसीयू, पैथोलॉजी जांच, शल्य चिकित्सा, कैंसर उपचार और विभिन्न रोगों से संबंधित आधुनिक उपचार की सुविधा सीजीएचएस दरों पर दी जाएगी। इसके अलावा मातृत्व देखभाल, नवजात शिशु चिकित्सा, पुत्र व पुत्रवधु, पुत्री व दामाद जैसी पारिवारिक श्रेणी के सदस्यों को भी यह लाभ मिलेगा।
ग्राफिक एरा अस्पताल और एसोसिएशन के बीच हुए इस करार से बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों के कर्मियों और उनके आश्रितों को राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो लंबे समय तक देश सेवा करने के बाद रिटायरमेंट के पश्चात आर्थिक रूप से उतने सक्षम नहीं रह पाते। इस सुविधा पर उम्र, आय अथवा नौकरी की स्थिति का कोई असर नहीं होगा।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा अस्पताल की ओर से महाप्रबंधक मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) संजय पुरी और एक्स-सीएपीएफ एसोसिएशन की ओर से महासचिव अवकाश प्राप्त कमांडेंट जे. एस. तडियाल ने हस्ताक्षर किए। दोनों ही पक्षों ने इसे उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ और सस्ता बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) संजय पुरी ने कहा कि “अर्धसैनिक बलों के जवान सीमाओं और कठिन परिस्थितियों में सेवा करते हैं। ऐसे में उनके और उनके परिवारों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी समाज की भी बनती है। ग्राफिक एरा अस्पताल सदैव इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा।”
वहीं एसोसिएशन के महासचिव अवकाश प्राप्त कमांडेंट श्री जे. एस. तडियाल ने इस पहल को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि “इस सुविधा से हमारे पैरामिलिट्री फोर्सेस के करीब 2 लाख परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही अन्य सभी फोर्सेज के सेवारत कर्मियों और उनके आश्रितों को मिलाकर कुल 5 से 8 लाख पारिवारिक सदस्य इस योजना के दायरे में आ जाएंगे। यह अपनी तरह का एक अनूठा समझौता है, जो संभवतः उत्तराखंड में किसी अस्पताल द्वारा अब तक नहीं किया गया। इसके लिए हम ग्राफिक एरा अस्पताल के अत्यंत आभारी हैं।”