उत्तराखण्ड

बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन: 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त…2000 यात्रियों को पड़ावों पर रोका, ऐसे आवाजाही कर रहे लोग

बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन: 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त…2000 यात्रियों को पड़ावों पर रोका, ऐसे आवाजाही कर रहे लोग

भूस्खलन के बाद प्रशासन ने तुरंत कदम उठाते हुए बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा को रोक दिया है। तीर्थयात्रियों के वाहनों को ज्योतिर्मठ, पाखी, हेलंग, पीपलकोटी, चमोली और गौचर जैसे सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया

पीपलकोटी से लगभग एक किलोमीटर आगे भारी भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। लगभग 30 मीटर तक सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, जिससे हाईवे पर आवाजाही ठप है। इस घटना के कारण बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर निकले और लौट रहे लगभग 2000 तीर्थयात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया गया है। हाईवे के शुक्रवार तक खुलने की संभावना कम है। ऐसे में प्रशासन ने यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रुकने की अपील की है।

जानकारी के मुताबिक बृहस्पतिवार को सुबह करीब सात बजे भनेरपाणी भूस्खलन क्षेत्र के पास अचानक पहाड़ी से मलबा गिरने लगा, जिससे 30 मीटर तक का हाईवे पूरी तरह से गायब हो गया। गनीमत रही कि उस समय कोई वाहन वहां से नहीं गुजर रहा था जिससे किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची

भूस्खलन के बाद प्रशासन ने तुरंत कदम उठाते हुए बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा को रोक दिया है। तीर्थयात्रियों के वाहनों को ज्योतिर्मठ, पाखी, हेलंग, पीपलकोटी, चमोली और गौचर जैसे सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी और अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने भूस्खलन क्षेत्र का जायजा लिया। चमोली कोतवाली के थानाध्यक्ष अनुरोध व्यास ने बताया कि हाईवे का 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है और पहाड़ी इतनी अस्थिर है कि हिल कटिंग के लिए मशीनों को काम करने की जगह नहीं मिल पा रही है। पोकलेन मशीनों के चलने से दोबारा भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

यात्रियों के लिए की गई व्यवस्था

ज्योतिर्मठ में फंसे तीर्थयात्रियों के लिए तहसील प्रशासन ने भोजन और पानी की व्यवस्था की है। एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि करीब 300 यात्रियों को खाने के पैकेट और पानी की बोतलें दी गईं हैं। उनके ठहरने का भी इंतजाम किया जा रहा है। हाईवे बंद होने के बावजूद भी तीर्थयात्रियों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। मोगा, पंजाब के तीर्थयात्री प्रीतपाल सिंह और उनके साथियों ने कहा कि घर से निकले हुए तीन दिन हो गए हैं। वे दो दिन और रुकने को तैयार हैं लेकिन वे हेमकुंड साहिब के दर्शन करके ही लौटेंगे। वहीं हस्तिनापुर से आए विक्रम राज पुरोहित और दशरथ राजपुरोहित भी मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि दर्शन किए बिना नहीं लौटेंगे। यहां पर हमें सुकुन मिल रहा है। ठहरने की भी अच्छी व्यवस्था की गई है।

स्थानीय लोगों के साथ तीर्थयात्रियों ने भी चट्टान से की आवाजाही

 

बदरीनाथ हाईवे पर जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ है वहां पैदल आवाजाही का साधन भी नहीं है। जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही कुछ तीर्थयात्रियों ने भी चट्टान से होकर जान जोखिम में डालकर आवाजाही की। भनेरपाणी भूस्खलन क्षेत्र से करीब 200 मीटर की दूरी पर फंसे लोग करीब 300 मीटर तक चट्टान से होकर अपने गंतव्य को रवाना हुए।

 

फंसे यात्रियों को प्रशासन की सलाह

– प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।
– सुरक्षित स्थानों पर ही रहें और धैर्य बनाए रखें।
– किसी भी जोखिम भरे रास्ते से यात्रा करने का प्रयास न करें।

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