देहरादून
हे भारत वीर जागो मैं तुम्हारे जगाने आया हूं 100 धर्म का धर्म एक बलिदान बताने आया हूं खड़ी शत्रु फौज द्वारा पर आज तुम्हें ललकार रही उठो सिंह जागो भारत के वीर माता तुम्हें पुकार रही
भारतीय सेन अकादमी की 157 पासिंग आउट परेड में कविता की इन पंक्तियों ने मौजूद सैन्य अफसर कैडेट्स और उनके परिजनों ने खून में जोश भर दिया।
कड़ाके की ठंड में सुबह करीब 8:00 बजे से पास आउट परेड की तैयारियों सेशुरू की गई थी। देशभक्ति की शुरुआत हुई सब लोग अपने-अपने स्थान पर बैठ गए इस दौरान सबसे पहले भारतीय सैन्य अकादमी इतिहास और यहां से निकले फौजी अफसर के शौर्य के बारे में बताया गया इसके बाद कैडेट्स एडवांस काल दी गई काल मिलते ही कैडेट्स बैंड की धुन पर कदमताल करते हुए ड्रिल स्क्वायर पहुंचे । बैंड की धुन पर कदमताल करते हुए बूटों की ठक ठक से वहां मौजूद एक एक आदमी जोश और रोमांच से भर उठा। सबसे अच्छा दृश्य तब रहा जब सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कैडेट्स के साथ पुश लगाकर जोश भर दिया। सभी कैडेट्स रोमांच से हर्षोल्लास होगए।
स्वोर्ड ऑफ़ ऑनर एवं स्वर्ण पदक मेरिट में प्रथम निष्कल द्विवेदी रजत पथ दूसरा स्थान बादल यादव कांस्य पदक तृतीय स्थान कमलजीत सिंह टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स मेरीट में प्रथम कैडेटजाधव सुजीत संपत टेक्निकल एंट्री स्कीम 46 प्रथम स्थान डब्लूसीसी में रजत पदकअभिनव मल्होत्रा स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदकसुनील कुमार छेत्री विदेशी कैडेट में मेरिट में प्रथम स्थान बांग्लादेश के जे यू ओ मोहम्मद सफीन अशरफ रहे।
कैडेट्स के ऊपर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
ज्यादातर कैडेट्स के पृष्ठ भूमि किसान परिवार या आर्मी से रही है । अपने सपनों को साकार करने का जुनून अपनी विरासत को संजोए हुए यह ऑफिसर्स मानो यह कह रहे है कि धरती मां यह कर्ज चुकाने का समय आ गया है। पीपिंग सेरेमनी के दौरान उनके कदम तलों पर इतना जोश था कि वहां देखने वाले दर्शक और परिवार के लोग रोमांच से खड़े हो कर तालियों बजाने लगे।
आईएमए 157वीं पासिंग आउट परेड में देशभक्ति का ज्वार, कविता और कदमताल ने भरा जोश