देहरादून । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रवेशोत्सव-2025 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने इस दौरान स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों का स्वागत कर शिक्षण सामग्री वितरित की। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के सभी विद्यालयों के लिए निर्मित ‘स्कूल डैश-बोर्ड’ का लोकार्पण किया एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों के 13 केंद्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की। राज्यपाल के निर्देश पर यूटीयू द्वारा राज्य में स्थित समस्त राजकीय विद्यालयों की सम्पूर्ण जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध कराए जाने के दृष्टिगत स्कूल डैश-बोर्ड तैयार किया गया है।
इसमें विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के 13 जिलों में स्थित 16055 राजकीय विद्यालयों के सम्पूर्ण विवरण के साथ विद्यालयों के प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के साथ-साथ डैशबोर्ड के एडमिन को अपने लॉग-इन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध होने एवं उन्हें देखने की सुविधा प्रदान की गई है। वर्तमान में डैशबोर्ड पर 13 जिलों के 95 ब्लॉक में 16055 विद्यालयों में अध्ययनरत सम्पूर्ण छात्रों/शिक्षकों के साथ-साथ अवस्थापना सुविधाओं का विवरण अपलोड किया जा चुका है, जिसे सम्बन्धित स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा यथा आवश्यकतानुसार अपने लॉग-इन द्वारा संशोधित किया जा सकता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि नई तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे उत्तराखण्ड के लिए आज का यह अवसर विशेष है। उन्होंने कहा कि ‘स्कूल डैश-बोर्ड’ का लोकार्पण न केवल उत्तराखण्ड की शिक्षा व्यवस्था में तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य के हर बच्चे को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। राज्यपाल ने ‘स्कूल डैशबोर्ड’ को साकार करने के लिए वीर माधो सिंह भण्डारी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, तकनीकी विशेषज्ञों, और सभी शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि यह केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं है, बल्कि यह उत्तराखण्ड की शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी क्रांति की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक भी है। राज्यपाल ने बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक किए जाने हेतु शिक्षा विभाग के प्रवेश उत्सव पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रवेशोत्सव का यह उल्लासपूर्ण अवसर केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हर वर्ष शैक्षिक सत्र की शुरुआत में, हम नव-प्रवेशी बच्चों को केवल स्कूल में नहीं लाते, बल्कि उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों के मन में स्कूल के प्रति आत्मीयता और जुड़ाव की भावना विकसित करती है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।राज्यपाल ने राज्य के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय को जिनमें छात्रावासों में रहकर वंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं, को एक अनुपम पहल बताया।
उन्होंने कहा कि ये विद्यालय विभिन्न कारणों से विद्यालयी शिक्षा से वंचित, समाज के उन अनाथ, बेघर और कमजोर वर्ग के बच्चों के जीवन को नया स्वरूप दे रही है, हमारा यह केवल एक सामाजिक उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि एक भावनात्मक कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नाम साहस, सेवा और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है और उनके नाम से स्थापित ये छात्रावास उसी भावना को आत्मसात करते हुए हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा इन छात्रावासों का उच्चीकरण कर इन्हें कक्षा 12वीं तक विस्तारित करना एक दूरदर्शी निर्णय सिद्ध होगा। इस कार्यक्रम में सचिव श्री राज्यपाल एवं सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन, वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव सहित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों के वॉर्डन, शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।