हाईकोर्ट ने रद्द किया शिक्षा विभाग का आदेश, कहा– NOC जारी करने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी के पास
नैनीताल।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारियों को पहले से चयनित शिक्षकों को नई भर्ती में सम्मिलित होने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जारी न करने के निर्देश दिए गए थे।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सुधांशु जौहरी बनाम राज्य सरकार सहित चार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2021 की परीक्षा पास कर जनवरी 2022 में विभिन्न जिलों में सहायक अध्यापक के पद पर ज्वॉइनिंग दी थी। इनमें से कई अध्यापक दुर्गम क्षेत्रों में तैनात हैं और दूसरी भर्ती में शामिल होना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने NOC मांगी थी।
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि सहायक अध्यापक का पद जिला कैडर का है और नियुक्ति संबंधी अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी के पास है। ऐसे में NOC पर निर्णय लेने का अधिकार भी जिला स्तर पर ही होना चाहिए। अदालत ने माना कि निदेशक का 27 जुलाई 2024 का आदेश भर्ती नियमों के विपरीत है और उसे कानूनी रूप से बरकरार नहीं रखा जा सकता।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अध्यापकों द्वारा प्रस्तुत NOC आवेदन पर निर्णय लेने का अधिकार केवल जिला शिक्षा अधिकारी को है और वे ही निर्धारित आधारों पर आवेदन स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं।