उत्तराखण्ड

रात में गिरी चट्टानें और मलबा, ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाइवे हुआ ठप

नई टिहरी।

ऋषिकेश-चंबा-गंगोत्री नेशनल हाइवे पर बीती देर रात उपलि आमसेरा के पास हुए भारी भूस्खलन से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। अचानक पहाड़ से गिरी चट्टानों और मलबे ने न केवल सड़क का संपर्क बाधित कर दिया, बल्कि आसपास बसे परिवारों को भी खतरे की जद में ला दिया है।

जानकारी के अनुसार, भूस्खलन इतना भीषण था कि देखते ही देखते मलबा और पानी सड़क के ऊपर फैल गया। इसके चलते यातायात पूरी तरह ठप हो गया। घटना के समय स्थानीय लोग गहरी नींद में थे, लेकिन तेज आवाज और घरों के भीतर मलबा व पानी घुसने से अफरा-तफरी मच गई। कई परिवार अपने घरों से निकलकर रात के अंधेरे में सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।

बताया जा रहा है कि सड़क किनारे बसे करीब 10 परिवारों के घरों में मलबा घुस गया है। जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई घरों के फर्नीचर और जरूरी सामान पानी व गाद में डूब गए। प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से तुरंत राहत और सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की मांग की है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में लगातार बारिश के चलते पहाड़ असुरक्षित हो चुके हैं। आए दिन मलबा और पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

फिलहाल प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राजस्व विभाग की ओर से प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत शिविर में स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, सड़क पर पड़े मलबे को हटाने के लिए मशीनरी लगाई गई है, लेकिन भारी मात्रा में मलबा होने से मार्ग खोलने में समय लग सकता है।

स्थानीय लोग लगातार दहशत में हैं और उनका कहना है कि जब तक पहाड़ों की स्थायी कटिंग और सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया जाएगा, तब तक खतरा टलना मुश्किल है।

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