देहरादून। परम पूज्य संस्कार प्रणेता ज्ञानयोगी प्रेरणा स्तोत्र उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के मंगल सानिध्य में संगीतमय कल्याण मंदिर विधान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें नित्य प्रति दिन जिनालय में मंदिरों की घंटियों की गूंज के साथ- साथ, श्री जी की प्रक्षाल, मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से पूजन, विधानाचार्य श्री संदीप सजल जैन शास्त्री इंदौर के द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ विधान किया जा रहा है।
आज के विधान के पुण्यार्जक दिगंबर जैन महासमिति महिला इकाई रहे।
पूज्य आचार्य श्री के पास बाहर से पधारे गुरुभक्तो का पुष्प वर्षायोग समिति द्वारा स्वागत अभिनन्दन किया गया।
पूज्य आचार्य श्री ने सभी धर्म प्रेमी बंधु श्रद्धालुओं से कहा कि गुरु की महत्ता का वर्णन करना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। गुरु का स्थान जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है, वे अज्ञानता को दूर करके ज्ञान और सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने में भी सक्षम बनाते हैं। गुरु हमें सही और गलत के बीच का अंतर बताते हैं। वे हमें केवल किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि जीवन के हर पहलू को समझने और उसका सही तरीके से उपयोग करने में मदद करते हैं।
आगामी कार्यक्रमों की श्रृंखला में मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन ने बताया कि दिनांक 31 जुलाई को आचार्य श्री सौरभ सागर जी के सानिध्य में संगीत मय कल्याण विधान के साथ-साथ प्रातः 10:00 बजे1008 श्री पारसनाथ भगवान का निर्वाण लाडू दिगंबर जैन पंचायती मंदिर गांधी रोड पर सभी श्रद्धालुओं द्वारा बड़े ही भक्ति भाव से समर्पित किया जाएगा।
गुरु का स्थान जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण
