Latest News अन्य दिल्ली/NCR देश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से गढ़ें पत्रकारिता का स्वर्णिम काल – हरिवंश

नई दिल्ली –  भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के शैक्षणिक सत्र 2022-23 का सोमवार को शुभारंभ करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि आजादी के पहले भारतीय पत्रकारिता का स्वर्णिम काल रहा है। उस समय के पत्रकार ‘इन्वेस्टिगेटर’ के साथ-साथ ‘इन्वेस्टर’ भी थे। सीमित संसाधनों के साथ उन्होंने पत्रकारिता के स्वर्णिम काल का निर्माण किया। आज के टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में आसानी से हम बहुत कुछ कर सकते हैं और पत्रकारिता एक नया स्वर्णिम काल गढ़ सकते हैं। इस अवसर पर भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, कार्यक्रम के संयोजक एवं उर्दू पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।’अमृतकाल के संकल्प और मीडिया’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए हरिवंश ने कहा कि जो चीजें पहले सौ वर्षों में बदलती थीं, आज उसके लिए दो दिन का समय भी नहीं लगता। आज आप मामूली संसाधनों के साथ मीडिया स्टार्टअप की शुरुआत कर सकते हैं और समाज में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्ष से कठिन सृजन होता है। यह कठिन तप और साधना है। युवाओं के तप से ही भारत का भविष्य तय होगा। आजादी के सौवें वर्ष में भारत की क्या तस्वीर होगी, वो युवाओं के सपनों और संकल्पों से तय होगा।

राज्यसभा के उपसभापति के अनुसार पत्रकारिता का दौर अब पूरी तरह बदल गया है। आपको चुनौतियों में से रास्ता निकालना है, लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि चुनौतियों के बीच आज युवाओं के पास अनंत अवसर हैं। उन्होंने कहा कि बदलाव का सबसे बड़ा अध्याय इंसान लिख सकता है। आज प्रिंट, रेडियो और टीवी के अलावा डिजिटल मीडिया, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, ऑडियो, पॉडकास्ट, मल्टीमीडिया, डाटा साइंस और मीडिया शिक्षण जैसे अनेकों विकल्प मौजूद हैं। हरिवंश ने कहा कि सोशल मीडिया से आज पत्रकारिता के सामने साख का संकट खड़ा हो गया है। फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोजाना लाखों फेक न्यूज परोसी जा रही हैं। हम सभी को मिलकर इनका सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया की विश्वसनीयता के बिना आप कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन उसका कोई असर समाज पर नहीं होगा। तकनीक हमारे लिए वरदान के साथ सबक भी है। ये हम पर निर्भर करता है कि इसका कैसा उपयोग किया जाए।

भारत के पुनर्जागरण का काल : माहुरकर

इस अवसर पर भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा कि देश में डिजिटल क्रांति से विकास की नई तस्वीर निकलकर सामने आई है। आज प्रत्येक व्यक्ति के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है। ये भारत के पुनर्जागरण का काल है। उन्होंने कहा कि हम जहां एकतरफ ‘नेशन फर्स्ट’ की डिप्लोमेसी कर रहे हैं, वहीं भारत की ‘साॅफ्ट पावर’ ने पूरी दुनिया को चकित कर दिया है। माहुरकर के अनुसार टीआरपी बेस्ड जर्नलिज्म मीडिया और समाज दोनों के लिए बहुत नुकसानदायक है।

संकटों का सामना करने में सक्षम हैं हिन्दुस्तानी : प्रो. द्विवेदी

नवागत विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आप सभी के लिए ये साधना और समर्पण का साल है। उन्होंने कहा कि हम वही बनते हैं, जो हम सोचते हैं। पिछले 75 वर्षों में हमने शानदार यात्रा की है। आने वाले 25 वर्षों में हमें विश्व मंच पर भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित करना है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार इस विश्व में हिन्दुस्तानी अकेले हैं, जो हर स्थिति में समन्वय बैठा लेते हैं। दुनिया मानती है कि किसी भी तरह के संकटों का सामना करने में हिन्दुस्तानी सक्षम हैं।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ‘अमृतकाल : पंच प्रण और मीडिया’ विषय पर भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष डॉ. जे.के. बजाज, पेसिफिक विश्वविद्यालय के योजना एवं नियंत्रण के ग्रुप प्रेसिडेंट प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज के डीन प्रो. मजहर आसिफ एवं ‘ऑर्गनाइजर’ के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।शुभारंभ समारोह के अंतिम सत्र में ‘मीडिया उद्यमिता और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य’ विषय पर ‘न्यूज 24’ की प्रधान संपादक श्रीमती अनुराधा प्रसाद, बिजनेस वर्ल्ड के अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक डॉ. अनुराग बत्रा, NEWJ के संस्थापक, सीईओ एवं प्रधान संपादक शलभ उपाध्याय एवं डीबीजी टेक्नोलॉजी (भारत) के कार्यकारी निदेशक डॉ. अभिषेक गर्ग ने हिस्सा लिया।इस अवसर पर प्रो. अनुभूति यादव द्वारा संपादित पुस्तक ‘न्यू मीडिया जर्नलिज्म’ एवं प्रो. प्रमोद कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘मीडियाकर्म : योग्यता और यथार्थ’ का भी विमोचन किया गया।

द्वितीय दिवस का कार्यक्रम

कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को ‘भारतीय भाषाओं की वैश्विक यात्रा’ विषय पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल, केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष अनिल के. शर्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर कुमुद शर्मा एवं तंजानिया की लेखिका सुश्री प्रियंका ओम विद्यार्थियों से बातचीत करेंगी। द्वितीय सत्र में ‘डिजिटल युग में ब्रांड निर्माण’ विषय पर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री मनीषा कपूर, केंद्रीय संचार ब्यूरो के अपर महानिदेशक के. सतीश नंबुदिरीपाड एवं एडेलमैन के डिजिटल एडवाइजरी हेड देबांजन चक्रवर्ती अपनी बात रखेंगे। दिन के अंतिम सत्र में ‘जनसंपर्क और ख्याति प्रबंधन’ विषय पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष एवं निदेशक (मीडिया) उमेश उपाध्याय, एडफैक्टर्स पीआर के निदेशक समीर कपूर, पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक, हिंदुस्तान कोका कोला के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट (पीआर) कल्याण रंजन एवं इफको के पब्लिसिटी एंड पीआर विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक श्री हर्षेंद्र वर्धन सिंह विद्यार्थियों से रूबरू होंगे।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *