उत्तराखण्ड

लच्छीवाला में हाथियों का डीजे शोर से बौखलाना, भंडारे में मचाई अफरा-तफरी, एक कांवड़िया घायल

सावन माह की कांवड़ यात्रा के दौरान लच्छीवाला रेंज अंतर्गत मणि माई मंदिर के पास एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। शनिवार रात करीब 8:30 बजे एक नर और मादा हाथी अपने शिशु के साथ जंगल से सड़क पार कर रहे थे। इस दौरान सड़क किनारे चल रहे कांवड़ियों के भंडारे में तेज आवाज में डीजे और भीड़ की चीख-पुकार से हाथी बौखला गए और हमला कर बैठे। हाथियों ने मौके पर खड़ी दो ट्रालियां पलट दीं, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई और एक कांवड़िया गंभीर रूप से घायल हो गया।

वीडियो बनाते रहे कांवड़िए, भड़के हाथी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हाथियों की मौजूदगी के बावजूद कांवड़िए उन्हें चिढ़ाते हुए वीडियो बनाते रहे। इससे हाथी और अधिक आक्रोशित हो गए और उन्होंने ट्रालियों पर हमला बोल दिया। गनीमत रही कि हाथी पंडाल के अंदर नहीं घुसे, वरना सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान खतरे में पड़ सकती थी।

वन विभाग और पुलिस ने संभाली स्थिति
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम दरोगा पूरन सिंह रावत के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। उन्होंने तुरंत पंडाल को खाली कराया और हाथियों को बम पटाखे बजाकर जंगल की ओर खदेड़ दिया। वहीं, पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर ट्रैफिक को नियंत्रित किया और यात्रियों को बिना रुके आगे बढ़ने की हिदायत दी।

हादसे से सबक
लच्छीवाला टोल प्लाजा के सुपरवाइजर राकेश नौटियाल और अरुण ने बताया कि यदि समय रहते हाथी जंगल की ओर न जाते, तो पंडाल में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान खतरे में पड़ सकती थी। यह घटना यात्रा व्यवस्थाओं में सावधानी और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता बरतने की जरूरत को रेखांकित करती है।

वन विभाग की चेतावनी
वन विभाग ने कांवड़ियों और आयोजकों से अपील की है कि वे वन क्षेत्र के आसपास डीजे, साउंड सिस्टम या तेज रोशनी का उपयोग न करें और वन्यजीवों के प्राकृतिक मार्ग में अवरोध न डालें। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की रुकावट या अवैधानिक गतिविधि पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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