उत्तराखण्ड

छांगुर गिरोह के चंगुल में फंसी पीड़ित के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज, पीड़ित ने कोर्ट में बताई आपबीती

छांगुर गिरोह के चंगुल में फंसी पीड़ित के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज, पीड़ित ने कोर्ट में बताई आपबीती

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर गिरोह में फंसी प्रेमनगर की युवती के पुलिस ने मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज करा दिए हैं। बयानों में पीड़ित ने मतांतरण की पूरी कहानी बयां की। बताया कि किस तरह से आरोपितों ने उसे झांसे में लेकर व तरह-तरह के प्रलोभन देकर मतांतरण के लिए उकसाया था। वहीं पुलिस रानीपोखरी निवासी युवती के मजिस्ट्रेटी बयान बुधवार को दर्ज करा सकती है।

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर गिरोह में फंसी प्रेमनगर की युवती के पुलिस ने मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज करा दिए हैं। बयानों में पीड़ित ने मतांतरण की पूरी कहानी बयां की। बताया कि किस तरह से आरोपितों ने उसे झांसे में लेकर व तरह-तरह के प्रलोभन देकर मतांतरण के लिए उकसाया था। वहीं पुलिस रानीपोखरी निवासी युवती के मजिस्ट्रेटी बयान बुधवार को दर्ज करा सकती है।

मतांतरण गिरोह के चुंगल में फंसी रानीपोखरी निवासी मरियम से पूछताछ के बाद पुलिस ने प्रेमनगर निवासी सुमैया के बारे में जानकारी मिली थी। आरोपित अब्दुल रहमान ने मतांतरण के लिए सुमैया को भी प्रेरित किया था।

सुमैया उम्र 28 वर्ष जोकि पढाई करने के लिए बरेली से देहरादून आई थी, को बहला फुसलाकर और प्रलोभन देकर कुछ मुस्लिम लोगों ने धर्मांतरण के लिए उसका ब्रेनवाश किया। गिरोह ने उसका मतांतरण कराकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करने के लिए दबाव बनाया। इस मामले में थाना प्रेमनगर में छह आरोपितों के विरुद्ध उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पूछताछ में सुमैया ने बताया कि वह प्रारंभ से ही केंद्रीय विद्यालय में पढ़ी और गणित में बीएससी की हुई है। कालेज के दौरान एनसीसी में सी सर्टिफिकेट प्राप्त है तथा बहुत अच्छी पेंटर भी है। युवती ने फाइन आर्ट्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। युवती का अपने स्वजनों से कुछ कारणवश तालमेल न होने के कारण बरेली की रहने वाली एक मुस्लिम युवती से दोस्ती हुई जिसने इसका विश्वास जीतकर धीरे-धीरे इस्लाम धर्म के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताकर और मुस्लिम साहित्य उपलब्ध करवाकर इसका संपर्क कश्मीर की एक युवती से कराया। उस युवती ने जूम एप पर सुमैया को कुरान की तालीम दी।

कश्मीर के पुलवामा की रहने वाली कुरान की तालीम देने वाली युवती ने सुमैया को रमजान में कश्मीर भी बुलवाया और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया। लूडो खेलने के दौरान समुैया की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से हुई, जिसने निशुल्क कुरान पढाने का प्रस्ताव दिया। मौलवी ऑनलाइन कुरान की कक्षा कई लोगों को देता था जिनमें भारत से भी कई लोग जुडे थे।

 

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