देहरादून। विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर स्वयं संस्था ने अपने ओंकार रोड स्थित कार्यालय देहरादून में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती सोनाली चौधरी ने जानकारी दी कि हर साल पांच जून को दुनिया में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रकृति के महत्व का वर्णन करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। हम सभी के जीवन में पर्यावरण का खास महत्व है, बिना इसके स्वस्थ रहने की कल्पना करना मुश्किल है। धार्मिक दृष्टि के भी पर्यावरण का विशेष महत्व है। विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 05 जून सन् 1974 को मनाया गया था। हम सब जानते हैं कि प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, मरुस्थलीकरण और समुद्र का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का विषय है ” वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना ।” यह अभियान महासागरों और जलमार्गों को प्रदूषित करने से लेकर माइक्रोप्लास्टिक्स के रूप में हमारे खाद्य प्रणालियों में घुसपैठ करने तक प्लास्टिक कचरे के व्यापक प्रभाव को रेखांकित करता है। इस मौके पर डॉ. कुसुम रानी नैथानी ने सुरक्षित एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग हम सबके लिए एक बहुत बड़ा खतरा है जो हमें एक स्वस्थ जीवन और प्रकृति की सुरक्षा को सुरक्षित करने की चुनौती दे रहा है।आज अपनी धरती को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए, जागरूकता फैलाने और सुधारात्मक उपाय करने की आवश्यकता है। इसके संसाधनों के उपयोग की देखभाल करना हम सबकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। प्रदूषित वातावरण का हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। इस वर्ष धरती को प्लास्टिक के प्रभाव से दूर कर इससे उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को हटाने पर विशेष फोकस रहेगा। इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित कर विभिन्न समुदायों के मध्य जागरूकता को बढ़ाना है। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय दिवस है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के नेतृत्व में और 1973 से हर साल आयोजित होने वाला यह दिवस पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का सबसे बड़ा वैश्विक मंच बन गया है। इसे दुनिया भर में लाखों लोग मनाते हैं। कोरिया गणराज्य विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की मेज़बानी करेगा जिसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना है। ग्रह को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करना सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जिसमें जलवायु कार्रवाई, सतत उत्पादन और उपभोग, समुद्र और महासागरों की सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र की मरम्मत और जैव विविधता को बनाए रखना शामिल है। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करता है। प्रकृति से प्रेरणा लेकर और वास्तविक दुनिया के समाधान दिखाकर, यह अभियान व्यक्तियों, संगठनों, उद्योगों और सरकारों को स्थायी प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो प्रणालीगत परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं। यह थीम इस बात को रेखांकित करता है कि हमारी पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्रों को बहाल करने के लिए सामूहिक कार्रवाई और व्यक्तिगत जिम्मेदारी की आवश्यकता है। यह सभी को समाधान में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। विश्व पर्यावरण दिवस सामान्यतः राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत चर्चाओं एवं प्रतिबद्धताओं को उत्प्रेरित करता है। यह लोगों को पर्यावरणीय संरक्षण के महत्त्व के बारे में शिक्षित करने और उन्हें उन गतिविधियों एवं पहलों में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है जो सकारात्मक पर्यावरणीय परिणामों में योगदान करते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए देशों को सशक्त बनाता है, जो जमीनी स्तर की कार्रवाई और भागीदारी को बढ़ावा प्रदान करते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस हमारे प्राकृतिक पर्यावरण के महत्त्व और उसकी रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है। इसके द्वारा जागरूकता एवं कार्रवाई को प्रोत्साहित करके वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है जोकि एक टिकाऊ और लचीले भविष्य को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। यह दिवस हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। जिसकी वजह से हम उचित कदम उठाकर पर्यावरण की रक्षा करते हैं। आम जन की छोटी शुरुआत पर्यावरण पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकती है। हमें हर साल पेड़ लगाने चाहिए। उनका उचित संरक्षण करना चाहिए तथा प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना चाहिए। इस मौके पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कु. अनिता द्वारा बनाए गए पोस्टर को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया तथा उन्हें पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ. उमेश चन्द्र, दिनेश जोशी श्रीमती इंदु, श्रीमती कौशल्या, नितिन, अभिषेक, कु. अंशिका, नीरज, श्रीमती स्नेह, श्रीमती शांति, श्रीमती मंजु सक्सेना, श्रीमती नेहा, स्कूली बच्चे आदि उपस्थित थे।
विश्व पर्यावरण दिवस पर स्वयं संस्था ने आयोजित की संगोष्ठी
