देहरादून:
महिला सुरक्षा को लेकर देहरादून को असुरक्षित बताने वाली निजी एजेंसी की रिपोर्ट पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने रिपोर्ट तैयार करने वाली पीवैल्यू एनालिटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को नोटिस जारी कर 8 सितंबर को देहरादून स्थित महिला आयोग कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने स्पष्ट किया कि “नेशनल एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स ऑन वूमन सेफ्टी” नाम से जारी यह रिपोर्ट पूरी तरह से एक निजी कंपनी की पहल है। इसका न तो केंद्र सरकार, न ही राज्य सरकार और न ही राष्ट्रीय या राज्य महिला आयोग से कोई संबंध है।
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट न तो आधिकारिक डेटा पर आधारित है और न ही किसी मान्यताप्राप्त प्रक्रिया का पालन करती है। यह मात्र 31 शहरों में 12,770 महिलाओं पर किए गए सीमित सर्वे के आधार पर तैयार की गई है।
कंडवाल ने कहा कि इस रिपोर्ट को इस प्रकार प्रसारित किया गया मानो इसे राष्ट्रीय महिला आयोग ने जारी किया हो, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर भले ही उस कार्यक्रम में मौजूद रही हों, लेकिन रिपोर्ट का संबंध किसी भी सरकारी संस्था या आयोग से नहीं है।
राज्य महिला आयोग का मानना है कि इस तरह की गैर-प्रमाणिक रिपोर्ट से देहरादून और उत्तराखंड की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने का प्रयास हुआ है। जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बेहद संवेदनशील है और लगातार ठोस कदम उठा रही है।