उत्तराखण्ड

सीएम धामी के निर्देश पर कार्रवाई: डॉ. मो. शाह हसन निलंबित, निष्पक्ष जांच के आदेश

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, डॉ. मो. शाह हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया, निष्पक्ष जांच के आदेश
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने एक अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जनपद चमोली में प्रभारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मो. शाह हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। डॉ. हसन द्वारा हाल ही में जनपद रुद्रप्रयाग के तिलणी क्षेत्र में स्कॉर्पियो वाहन से दो बाइक सवार व्यक्तियों को टक्कर मार दी गई, जिसके चलते उन्हें गंभीर चोटें आईं। यह घटना डिप्टी सीएमएचओ चमोली के पद पर तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की गई, जिससे स्वास्थ्य सेवा की गरिमा और जनता का विश्वास प्रभावित हुआ।
शराब सेवन का उल्लेख, गंभीर चोटों के चलते हुई कार्रवाई
इस घटना से संबंधित रिपोर्ट महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को 3 अगस्त 2025 को प्राप्त हुई, जिसमें डॉ. हसन के शराब सेवन का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि उनका आचरण उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन है। इस आधार पर उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड अपील एवं अनुशासन नियमावली 2003 के नियम-4 के तहत श्री राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त कर डॉ. मो. शाह हसन को जनहित में निलंबित कर दिया है।
अनुशासन और सेवा नैतिकता में कोई समझौता नहीं

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, जवाबदेही और अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इस मामले में स्पष्ट रूप से आचरण का उल्लंघन हुआ है और शासन ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है। विभाग में किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता, गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार या सेवा दायित्वों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल पीड़ित परिवारों के लिए दुखद है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की साख को भी नुकसान पहुंचाती है। ऐसे मामलों में सरकार की नीति शून्य सहिष्णुता जीरो टॉलरेंस की है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा हमारी प्रतिबद्धता केवल इलाज तक सीमित नहीं, बल्कि सेवा व्यवस्था में भरोसा कायम रखने की भी है। इस प्रकार की घटनाएं किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं हैं। शासन इस दिशा में कठोर और अनुशासनात्मक कदम उठाता रहेगा ताकि स्वास्थ्य तंत्र में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सेवा भावना बनी रहे।निष्पक्ष जांच के आदेश


निलंबन के दौरान डॉ. हसन को रुद्रप्रयाग मुख्यालय पर पदस्थापित रखा गया है, जहाँ से वह विभागीय जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और शीघ्र जांच सुनिश्चित की जाए, और यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो नियमानुसार कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *